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जाना किधर है ना जाने कहां, बढ़ रहा हूं, खुद की कि

जाना किधर है ना जाने कहां, 
बढ़ रहा हूं,
खुद की किस्मत लिखनी थी खुद की 
लकीरें पढ़ रहा हूं,
गुस्सा सब से हूं मगर खुद से लड़ रहा हूं,

हासिल कुछ भी न हुआ फिर क्या खोने 
से डर रहा हूं,
धड़कनों पर मत जाओ मेरी जिंदा हूं, पर 
अंदर से मर रहा हूं.!

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #अंदर_से_मर_रहा_हूं..
 shayari in hindi
 shayari on life 
 motivational shayari
जाना किधर है ना जाने कहां, 
बढ़ रहा हूं,
खुद की किस्मत लिखनी थी खुद की 
लकीरें पढ़ रहा हूं,
गुस्सा सब से हूं मगर खुद से लड़ रहा हूं,

हासिल कुछ भी न हुआ फिर क्या खोने 
से डर रहा हूं,
धड़कनों पर मत जाओ मेरी जिंदा हूं, पर 
अंदर से मर रहा हूं.!

©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #अंदर_से_मर_रहा_हूं..
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