अहम से इश्क़ के इश़्तियाक के हुक़ूक़ का गल्फ करता रहा। वहम से दर्द ए बेरहम ज़ख्म सुल्फ रुखसती करता रहा।। * हुस्न-ए-ज़न - सुन्दर स्त्री *इख़्तिलाक- मेल जोल *रक़ीब - एक स्त्री के दूसरा प्रेमी 💐नमस्कार ..मैं GulnaaR Tanha Raatein परिवार में आपका हार्दिक स्वागत करती हूँ ..ऊपर दिये गये चित्र को अपने सुंदर शब्दों से सजाये। 💐अपने भाव 2 लाईनों में लिखें .. (2 लाइन्स couplet / मिसरा ऊर्दू शायरी)