सैर किया जो कानन का दृश्य दिखा था पावन सा मार्तंड की स्वर्णिम रश्मि अविरल अरण्य की अद्वितीय कांति मृदुल प्रभंजन की अनवरत धार पावस से भीगी सुगंधित वसुधा पंछियों का मधुर संगीत पौधों के पल्लव पर सुशोभित वर्षा की बूंदों की चमचमाती मोतिया तरुवर पर लगे स्वादिष्ट कंदमूल प्रसून की भीनी खुशबू से दमकता अरण्य वसुधा के अंक में पलता है दे छाव अरुण से लडता है अद्भुत था अरण्य का श्रृंगार शोभा उसकी थी अपरंपार नीरवता थी सरगम के साथ बस मैं था और घना निर्वात स्वरचित कविता ©✍️verma priya #forestlover #Nojoto #me #my #Love #maa #thought #Music #story #Forest alone again homquotes Jayap Deepak Chandra Kiran Marskole