कैसा अजीब नशा है इस शाम में, काश, कोई दस्तक दे जाता इस हृदय के उजड़े मकान में। कोई आए तो कभी कह न पाऊंगी की चला जाए मेरी इस दहलीज से, सचमुच कोई आए तो कभी कह न पाऊंगी की चला जाए मेरी इस दहलीज से, ये नन्हीं सी इमारत फिर आएगी किस काम में? ©Deepa Ruwali #LateNight #SAD #alone_sad_shayri #alon #alone