✍️मतदाता जाग्रति पत्र ✍️ अब जाग गया है मतदाता.... बहुत हुआ पैसा ,दारू और लालच अब नहीं चलेगा नहीं चलेगा-2 बहुत हुआ अनपढ़ गंवार सरपंच, अब नहीं चलेगा नहीं चलेगा-2 बहुत बिक लिया मतदाता का जमीर , अब नहीं बिकेगा नहीं बिकेगा। अब जाग गया है मतदाता, चुनकर लाएंगे हम शिक्षित ,कर्मठ और संघर्षशील दाता। ✍️USM✍️ मतदाता में जागरूकता पैदा करने के लिए । मतदाता जाग्रति कविता गांव के विकास से ही देश का विकास संभव है।