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Message One of the biggest Disease of 21st c

Message 


One of the biggest 
Disease 
of 
21st century. #forwadia_generation #socialmedia
Dangerously used for everything whats much wrong.

जो वरदान होता है उसी में कहीं ना कहीं अभिशाप भी छुपा होता है, सोशल मीडिया 21वीं सदी का वही वरदान है, जिसे शातिर लोगों ने धीरे धीरे से अभिशाप मे बदलने की कोशिश की है और उन्हीं लोगों के झुंड को मैं फारवर्डया जनरेशन कहता हूं। 
मैसेज फॉरवर्डिंग के भी अलग अलग प्रकार है, जिनके बारे में हमसब जानते हैं, 
पर एक खतरनाक बीमारी की तरह फैलने वाला मैसेज फॉरवर्ड है "पॉलीटिकल मैसेज फॉरवर्ड" यह कुछ ऐसे मैसेजेस होते हैं, जिनमें तुम्हें रोबोटिक बनाकर अपना काम लेने की कोशिश होती है। 
तुमने कभी सोचा है कि जो मैसेजेस तुम फॉरवर्ड कर रहे हो उनमें सत्य का कितना अंश है? 90% फोटोज, वीडियोस, नॉरमल मैसेजेस फेंक होते हैं और अब तो आधा सच और आधा झूठ मिलाकर मैसेजेस तैयार होते हैं क्योंकि इन सब को पता है कि फॉरवर्ड करना लोगों की बीमारी है, कुछ शुरुआती ही  पढ़ेंगे /सुनेंगे और फिर फॉरवर्ड कर देंगे। आप किसी पार्टी के समर्थकों हो उसकी विचारधारा आपको अच्छी लगती है  वहां तक ठीक है पर मैसेज फॉरवर्ड करने वाले रोबोट या कहूं पालतू गधे ना बने क्योंकि राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकते हैं और जहां ताकत हो वहां उसका उपयोग तो होता है पर दुरुपयोग की संभावनाएं ज्यादा है। दुरुपयोग के लिए कुछ रोबोट्स या कुछ फालतू गधों की आवश्यकता होती है, इसी के तहत तरह-तरह के डर दिखाकर इंसान को डरपोक और दूसरे पर निर्भर इंसान बना दिया जाता है, जिससे इंसान यह सोचो की बिना उनके तुम्हारा कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। फिर डर के मारे वह जैसा कह रहे हैं, वैसा करते रहो। बेसिक सवालों को छोड़कर जो वह कहे बस वहीं मैसेज फॉरवर्ड करते रहो। एक दूसरे से लड़ते रहो, जीना छोड़ दो बस हर रोज थोड़ा थोड़ा मरते रहो। 
Last seen : राजनीतिक विचारों को लेकर किसी से लड़ना बड़े पागलपनो में से एक है सबकी अपनी सोच होती है। यह बात ठीक है कि तुम हर किसी की सोच को अपना नहीं सकते, पर इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हें उसे लड़झगड़ कर उसे नीचा दिखाते रहो। #vibrant_writer 🖊 #pritliladabar
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One of the biggest 
Disease 
of 
21st century. #forwadia_generation #socialmedia
Dangerously used for everything whats much wrong.

जो वरदान होता है उसी में कहीं ना कहीं अभिशाप भी छुपा होता है, सोशल मीडिया 21वीं सदी का वही वरदान है, जिसे शातिर लोगों ने धीरे धीरे से अभिशाप मे बदलने की कोशिश की है और उन्हीं लोगों के झुंड को मैं फारवर्डया जनरेशन कहता हूं। 
मैसेज फॉरवर्डिंग के भी अलग अलग प्रकार है, जिनके बारे में हमसब जानते हैं, 
पर एक खतरनाक बीमारी की तरह फैलने वाला मैसेज फॉरवर्ड है "पॉलीटिकल मैसेज फॉरवर्ड" यह कुछ ऐसे मैसेजेस होते हैं, जिनमें तुम्हें रोबोटिक बनाकर अपना काम लेने की कोशिश होती है। 
तुमने कभी सोचा है कि जो मैसेजेस तुम फॉरवर्ड कर रहे हो उनमें सत्य का कितना अंश है? 90% फोटोज, वीडियोस, नॉरमल मैसेजेस फेंक होते हैं और अब तो आधा सच और आधा झूठ मिलाकर मैसेजेस तैयार होते हैं क्योंकि इन सब को पता है कि फॉरवर्ड करना लोगों की बीमारी है, कुछ शुरुआती ही  पढ़ेंगे /सुनेंगे और फिर फॉरवर्ड कर देंगे। आप किसी पार्टी के समर्थकों हो उसकी विचारधारा आपको अच्छी लगती है  वहां तक ठीक है पर मैसेज फॉरवर्ड करने वाले रोबोट या कहूं पालतू गधे ना बने क्योंकि राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकते हैं और जहां ताकत हो वहां उसका उपयोग तो होता है पर दुरुपयोग की संभावनाएं ज्यादा है। दुरुपयोग के लिए कुछ रोबोट्स या कुछ फालतू गधों की आवश्यकता होती है, इसी के तहत तरह-तरह के डर दिखाकर इंसान को डरपोक और दूसरे पर निर्भर इंसान बना दिया जाता है, जिससे इंसान यह सोचो की बिना उनके तुम्हारा कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। फिर डर के मारे वह जैसा कह रहे हैं, वैसा करते रहो। बेसिक सवालों को छोड़कर जो वह कहे बस वहीं मैसेज फॉरवर्ड करते रहो। एक दूसरे से लड़ते रहो, जीना छोड़ दो बस हर रोज थोड़ा थोड़ा मरते रहो। 
Last seen : राजनीतिक विचारों को लेकर किसी से लड़ना बड़े पागलपनो में से एक है सबकी अपनी सोच होती है। यह बात ठीक है कि तुम हर किसी की सोच को अपना नहीं सकते, पर इसका मतलब यह नहीं कि तुम्हें उसे लड़झगड़ कर उसे नीचा दिखाते रहो। #vibrant_writer 🖊 #pritliladabar