आज भी वो पुराने हैं, न मिलने के जो तुम्हारे बहाने है, और चिट्ठी के हर अल्फ़ाज़ याद है, जो आज भी मेरे सिरहाने है.... ©anuruddh dixit (Mahi) #majburi #Problems