तो अब खुद को खो देने का कैसा डर। जो तुम्हारा हो न पाया , तो खुद को गिरते देखने में कैसा अफसोस। जो तुम्हारा हो न पाया , तो खुद की कमी को स्वीकारने मे कैसी हिचकिचाहट। जो तुम्हारा हो न पाया , तो खुद को कोसते रहने मे कैसी तकलीफ़। जो तुम्हारा हो न पाया , तो अवसाद को अपने ज़िंदगी से जोड़ने में कैसी तकलीफ़।। जो हमारा नहीं हो सकता हम उसके क्यों हो जाते हैं? #जोहमारानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi