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किस्मत ने जैसा चाहा वैसा ढल गए हम बहुत संभलकर चलें

किस्मत ने जैसा चाहा वैसा ढल गए हम बहुत संभलकर चलें अरे बहुत संभल कर चले फिर भी फिसल गए हम किसी ने विश्वास तोड़ा अरे किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल और फिर कहते 
हैं कि बदल गए हम
 
love यू ...मेरी जान....पगली
mr.o.p. मेरी पहली भाइयों मैं यह शायरी मेरी महबूबा की याद में लिखा हूं आगे के लिए मे नहीं कहता हूं पर एक वादा करता हूं कि जैसे   शाहजहां  ने ताजमहल बनवाया था वैसा ही जयपुर के पड़ोसी डिस्ट्रिक्ट टोंक के अंदर ताजमहल खड़ा करेगा के जाऊंगा यह मेरा वादा रहा लव यू पगली
किस्मत ने जैसा चाहा वैसा ढल गए हम बहुत संभलकर चलें अरे बहुत संभल कर चले फिर भी फिसल गए हम किसी ने विश्वास तोड़ा अरे किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल और फिर कहते 
हैं कि बदल गए हम
 
love यू ...मेरी जान....पगली
mr.o.p. मेरी पहली भाइयों मैं यह शायरी मेरी महबूबा की याद में लिखा हूं आगे के लिए मे नहीं कहता हूं पर एक वादा करता हूं कि जैसे   शाहजहां  ने ताजमहल बनवाया था वैसा ही जयपुर के पड़ोसी डिस्ट्रिक्ट टोंक के अंदर ताजमहल खड़ा करेगा के जाऊंगा यह मेरा वादा रहा लव यू पगली