कैसी है न ये डगर्, लाखों को एक जगह पहुचा रही है पर एक मन्ज़िल नहीं ! कहिं कुछ मिठे गीत गा रही है तो कहिं किसी को तड्पा रही है कैसी है न ये डगर्? मदहोश किये सब मुसाफ़िर इसने पर खुद कभी बहकी नही भले कइ राही रास्ते भटक गए यहाँ पर इस ने कभी अपनी मज़िल छोडी नहीं! कैसी है न ये डगर? -मन से ! #nojotobestshayri #nojotobestpoem #nojotopoetryporn #poetryhustle #writersofnojoto