कलम से कलाम तक, अल्प से पूर्णविराम तक, शहर से लेकर ग्राम तक, अल्लाह से लेकर राम तक, सवालों में उलझी सी, तरकीब लगाती, अंक बटोरने को बेताब सी, परीक्षा के वो चन्द लम्हों का खेल है, मगर बस इतना ही नहीं तो फिर खुद से ही, खुद के लिए.... सवाल पूछती ये ज़िन्दगी...... . कि आखिर "ज़िन्दगी क्या है...." और यूँ फिर कुछ पन्नों के अंत में बस etc. etc. रह गया..…... #ज़िन्दगी #zindagi #EtcEtc #etc #yqbaba #yqdidi #nazm #yqbhaijan