Nojoto: Largest Storytelling Platform

धीरे-धीरे बढ़ता गया आंखों से पर्दा हटता गया असल मे

धीरे-धीरे बढ़ता गया
आंखों से पर्दा हटता गया
असल में नहीं था कोई उसका अब यह विश्वास डगमगा आया था
तू हमारा नहीं है यह लोगों ने बतलाया था
यह जान वह नन्हा पौधा बस थोड़ा सा कुम्हलाया था
उसने देखा चारों तरफ और खुद को बहुत अकेला पाया था
फिर प्रकृति ने उसे अपनी गोद में उठाया था
वह एक नन्हा सा पौधा था

जान गया था वह दुनिया की सच्चाई अब जाकर कुछ बढ़ पाया था
फिर बढ़ता गया वह आगे अब ना घबराया था
वह नन्हा सा पौधा अब वृक्ष बन आया था
हां यह पहले की बात है
जब वह एक नन्हा पौधा था‌

                       khayalo_ka_sayar nanha sa paudha....✍️
#FathersDay
धीरे-धीरे बढ़ता गया
आंखों से पर्दा हटता गया
असल में नहीं था कोई उसका अब यह विश्वास डगमगा आया था
तू हमारा नहीं है यह लोगों ने बतलाया था
यह जान वह नन्हा पौधा बस थोड़ा सा कुम्हलाया था
उसने देखा चारों तरफ और खुद को बहुत अकेला पाया था
फिर प्रकृति ने उसे अपनी गोद में उठाया था
वह एक नन्हा सा पौधा था

जान गया था वह दुनिया की सच्चाई अब जाकर कुछ बढ़ पाया था
फिर बढ़ता गया वह आगे अब ना घबराया था
वह नन्हा सा पौधा अब वृक्ष बन आया था
हां यह पहले की बात है
जब वह एक नन्हा पौधा था‌

                       khayalo_ka_sayar nanha sa paudha....✍️
#FathersDay