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सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने। लब्ध्वा

सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने।
लब्ध्वा शुभं नववर्षेऽस्मिन कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्‌।।
भावार्थः
जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदवा करुणा
को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है,
उसी तरह आने वाला हमारा यह नूतन वर्ष आपके लिए हर दिन,
हर पल के लिए मंगलमय हो।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

©Brij Bihari Shukla #HappyNewYear #newyearcelebration
सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने।
लब्ध्वा शुभं नववर्षेऽस्मिन कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्‌।।
भावार्थः
जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदवा करुणा
को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है,
उसी तरह आने वाला हमारा यह नूतन वर्ष आपके लिए हर दिन,
हर पल के लिए मंगलमय हो।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

©Brij Bihari Shukla #HappyNewYear #newyearcelebration