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इश्क जो सबके बस की बात कहां.. यह जो आग है जो सीने

इश्क जो सबके बस की बात कहां..
यह जो आग है जो सीने में एक बार जलती है
 तो फिर कभी नहीं बुझती।
पर आज कहां मिलते हैं, लैला मजनू
 हीर रांझा, शीरी फरहाद जैसा इश्क करने वाले ..
हर गली नुक्कड़ पर इश्क की दुकान खोल रखीं हैं।
कुछ आशिक तो अपना इश्क ही
हर रोज बदलते रहते हैं ।
पता नहीं चलता इश्क कर रहे हैं या कपड़े बदल रहे हैं...

©Upasna Mishra
  #नामइश्कहैमेरा..