ना हिंदू ना मुसलमान ही ख़तरे में है मरता हुआ इंसान ही ख़तरे में है मसनद पर काबिज़ हो गए हैं उल्लू अब सारा संविधान ही ख़तरे में है वो खेल रहे हैं जो ये ख़ूनी होली अब तो हिंदुस्तान ही ख़तरे में है अनपढ़ बैठे सब निसाब अब लिख रहे हैं अब तो सारा ज्ञान ही ख़तरे में है ज़ुल्मत से ये कलियाँ कैसे महफ़ूज़ रहें जब पूरा गुलिस्तान ही ख़तरे में है शाह मीर ख़ान भागलपुरिया ©Shah Meer Khan #Friday #India #nojoto #Love #Motivation #bharat #smkbhagalpuria #candle