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ख़ुदकुशी से खुशी, क्या कोई भी पाते हैं। त्याग

ख़ुदकुशी  से  खुशी, क्या  कोई  भी  पाते हैं।

त्यागकर  निज  प्राण, सबको  ही  रुलाते हैं।

हो  जाते  मुक्त  भले  ही, ख़ुद  पीड़ा  से  वे-

जीवन भर तिल-तिल,अपनों को तड़पाते हैं।

 #भावपूर्ण_श्रद्धांजलि #सुशांत_सिंह_राजपूत
ख़ुदकुशी  से  खुशी, क्या  कोई  भी  पाते हैं।

त्यागकर  निज  प्राण, सबको  ही  रुलाते हैं।

हो  जाते  मुक्त  भले  ही, ख़ुद  पीड़ा  से  वे-

जीवन भर तिल-तिल,अपनों को तड़पाते हैं।

 #भावपूर्ण_श्रद्धांजलि #सुशांत_सिंह_राजपूत