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भुल थे शायद तुम हमारी, हम तुम्हारी परछाई को जिंद

भुल थे शायद तुम हमारी,
 हम तुम्हारी परछाई को 
जिंदगी भर का साथ समझ बैठे। भुल
भुल थे शायद तुम हमारी,
 हम तुम्हारी परछाई को 
जिंदगी भर का साथ समझ बैठे। भुल

भुल