सुनो कभी हमारी आँखे पढो और जनो की हमारी रजा क्या है, अब हर बार हम लफ्ज़ो में लिखेंगे तो उसमें मज़ा क्या है ©fouji "Hindustani" मेरी आँखों में क्या है...