दिल ख़ाली-ख़ाली क्यूँ है आँखों में एक उदासी क्यूँ है मन में जो हलचल सी है उसमें एक बेचैनी क्यूँ है जानता है वो सबकुछ ही ज़ुबान पर फिर नहीं क्यूँ है जो बीत गया उसे भूल गए पीछे मुड़ कर देखना क्यूँ है सीमा है हर एक बात की तो हद से बाहर फिर जाना क्यूँ है बात चली तो बवाल पक्का 'निर्झरा' डर-डर कर ऐसे फिर जीना क्यूँ है 🌹 Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा #yqdidi #yqhindi #yqbesthindiquotes #yqlovequotes #प्रेम #बहर मुक्त ग़ज़ल