कोई तो ले आया मुझे मैखाने में, भर के पिलादी शराब पैमाने में, वो कोई तो शुक्रगुजार था मेरा, या उसपे कोई कर्ज उधार था मेरा, अल्फाज़ा यूँ ही तो नहीं कोई खाते खुलवा देता गैरों के मैखाने में!! #PDAlfaza #nojoto #कविता #शायरी #कहानी #विचार