मोहब्बत का उन से न इक़रार करना बस आँखों ही आँखों में इज़हार करना मोहब्बत अगर जुर्म है तो चलो फिर वो इक बार करना कि सौ बार करना अजब नग़मगी है समाअ'त से दिल तक मुख़ातब मुझे फिर से इक बार करना तड़पते तड़पते क़रार आ गया है तमन्ना न अब कोई बेदार करना न क़ुर्बान हो कर दिखाएँ तो कहना नज़र प्यार की हम पे सरकार करना 'वफ़ा' है ये ए'जाज़ तेरी वफ़ा का किसी बेवफ़ा को वफ़ादार करना...! ©jo_dil_kahe #Couple Aman Singh poetry lovers hindi poetry urdu poetry love poetry in hindi hindi poetry on life