देख कर तुमको मेरी नज़र अटक जाती है। पलक झपकते ही धड़कन चटक जाती है। ज़िस्म की ख़ुश्बू से तुम करती काला जादू! साँसों से टकराई और रूह भटक जाती है। मैं गुम- सुम हो जाता हूँ तेरे ही ख़यालों में! जाने क्या बात अंदर तक खटक जाती है। मेरी बेचैनी का सबब तो दूर जाते देखना! बिछोडे की बात पे खोपड़ी सटक जाती है। अंधेरे में खड़े होकर सोचती रहती हूँ पंछी' यूँ मोहब्बत में सबकी रात उजड़ जाती है। ♥️ Challenge-875 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।