कुछ रिश्ते पाकीज़ा से होते हैं लेकिन उनका साथ होना बहुत कम होता है जैसे रेत पर खींची हुई लकीर की तरह; या तो उसे हवा ले जाय या फिर पानी बहा दे लोग यूँ ही बेसबब सा मुस्कुरा देते है जैसे उस हंसी के पीछे सारी गहराइयाँ छुपी हो या फिर अनकहा सा दर्द जो बीन बताये उस मासूम से चेहरे पर ठहर जाता हैं शायद वो दर्द एक गुमनाम सी ख़ामोशी को ले बैठा है जहाँ उसे बहुत मिलने का गम भी हैं और बिछड़ने का भी बिछड़ भी गयें तो क्या गम हैं साथ भी ताउम्र सा लगा था हमें #बे-सबब #Yqhindi #Yqbaba