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"नवदुर्गा नारी" सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी,

"नवदुर्गा नारी"

सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी,
ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी,
अद्भुत छवि अलौकिक रूप,
नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को,
दर्शाती तेरे अवतारों की धूप!

जन्म ले कन्या का माता,
शैलपुत्री रूप धर पृथ्वी पर आई,
प्रथम दिवस शैलपुत्री मैया,
कन्या रूप में देवी कहलायी!

कौमार्य अवस्था नारी की,
ब्रह्मचारिणी का रूप कहलायी,
ब्रह्म आचरण का माँ तेरा द्वितीय रूप,
आत्म-परीक्षा देती नारी बनी तेरा ही स्वरुप!

विवाह पूर्व स्त्री की पवित्रता,
चन्द्रमा समान निर्मल शीतलता,
माँ का तृतीय रूप चंद्रघंटा,
दर्शाये नारी जीवन की सतर्कता!

करने को नए जीव को उत्पन्न,
प्रत्येक स्त्री करती गर्भ धारण,
दर्शाने को रचनात्मक अवस्था नारी की,
चतुर्थ दिवस में माँ कूष्मांडा का होता अवतरण!

नवीन स्कन्द को देकर जीवन,
नारी में पुनः देवी दर्शायी,
मोक्षदायिनी कुसुमधारी माता,
पंचम दिवस स्कंदमाता रूप में आई!

संयम साधना और प्रेम का संगम,
नारी संजोती अनेकों बंधन,
कात्यायनी है षष्ठ रूप माता का,
दर्शाये देवी रुपी नारी का जीवन!

आत्म सम्मान पर जब लगती चोट,
भयावह रूप में करती विस्फोट,
गतिशीलता संग विद्युत रुपी नारी,
है कालरात्रि माता के सप्तम रूप की जोत!

बुद्धिमता से परिवार का संचालन,
परिवार ही जिसका संसार व जीवन,
अन्नपूर्णा नारी के इस भाव का वर्णन,
है अष्टम दिवस में महागौरी का आगमन!

पूर्णता और विवेक की जोत जलाये,
सुख-सिद्धि के आशीष का प्रकाश फैलाये,
संतान को देने ज्ञान का सागर,
नवम दिवस सिद्धिदात्री माँ के रूप में आये!

दुर्गा माँ के नौ अवतार,
सम्पूर्ण सृष्टि का करते उद्धार,
प्रत्येक नारी के आचार-विचार,
नवदुर्गा के रूपों का ही है आकार!!

©Simpy Aggarwal
  "नवदुर्गा नारी"

सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी,
ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी,
अद्भुत छवि अलौकिक रूप,
नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को,
दर्शाती तेरे अवतारों की धूप!

"नवदुर्गा नारी" सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी, ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी, अद्भुत छवि अलौकिक रूप, नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को, दर्शाती तेरे अवतारों की धूप! #Hindi #navratri #writing #writer #kavita #कविता #simpywrites✍️

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