Nojoto: Largest Storytelling Platform

हसरते बढ़ रही है दिल की, पर जरिया सिमट रहा है, प

हसरते बढ़ रही है दिल की, 
पर जरिया सिमट रहा है, 
पाए कैसे हर चीज को, जो
हाथों से निकल रहा है

आसमां छूती हर चीज की 
कीमत जैसे चीड़ा रही हो, 
तेरे बस में नहीं हूँ मैं, जैसे
बता रही हो. 

चाहत सबकी की मिले मुझको
हर खुशी, जिसकी आरज़ू दिल
रखता है, पर ये सदी महंगाई की
है, जिस पर काबू कौन रखता है

हर कोई परेशां है,की गुजारा कैसे
चलेगा, मेरा परिवार मेरा देश 
कैसे आगे बड़ेगा 
मेरा परिवार मेरा देश कैसे आगे बढ़ेगा

©पथिक..
  #desire ऑफ heart

#desire ऑफ heart #कविता

180 Views