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"किसी भी भाषा मे प्रेम को परिभाषित कर पाना कहां सं

"किसी भी भाषा मे प्रेम को
परिभाषित कर पाना
कहां संभव था

इसलिए ईश्वर ने रचा
मौन, आंखे और 
मुस्कुराहट

©Abhishek
  #प्रेम # की परिभाषा
abhishek3757

Abhishek

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#प्रेम # की परिभाषा #Thoughts

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