दो शेर कह के अब ना जाने कौन क्या क्या हो जाता है कोई गालिब कोई मीर तो कोई खुद को मुनव्वर बताता है! अनिल तू औकात में रह कर खुदा का सजदा किया कर सब कुछ 'वो' खुद कहता है तुझे तो बस 'जरिया' बनाता है!! #inayat