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हिज्र का आलम क्या वाकई कम होगा साल के सबसे छोटे दि

हिज्र का आलम क्या वाकई कम होगा
साल के सबसे छोटे दिन वहम होगा

भीतर बारिश का अंदेशा हो जहां तुम्हें
समझ लेना बाहर याद का मौसम होगा

शिद्दत की प्यास में दस्तक जब दे कोई
नजरें फेर लेना गुनाह तेरा सनम होगा

अरसे बाद मिलेंगे दो लोग सोचते हैं
मिलने के दिन सारा क्या आलम होगा

बर्फ पहाड़ और कुदरत, यह दिलकश है
वस्ल के दिन आंख के यह दामन होगा 21दिसम्बर shortest day
#life #love #poetry #shahbazwrites 
#passion4pearl #yqbaba #yqshayari 
#shayari
हिज्र का आलम क्या वाकई कम होगा
साल के सबसे छोटे दिन वहम होगा

भीतर बारिश का अंदेशा हो जहां तुम्हें
समझ लेना बाहर याद का मौसम होगा

शिद्दत की प्यास में दस्तक जब दे कोई
नजरें फेर लेना गुनाह तेरा सनम होगा

अरसे बाद मिलेंगे दो लोग सोचते हैं
मिलने के दिन सारा क्या आलम होगा

बर्फ पहाड़ और कुदरत, यह दिलकश है
वस्ल के दिन आंख के यह दामन होगा 21दिसम्बर shortest day
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