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लाखों में एक जंगल की अर्थव्यवस्था जो भी हो , मैं

लाखों में एक जंगल की अर्थव्यवस्था जो भी हो ,

मैं कभी घास नहीं खाऊँगा  ।।

ये मेरा अंहकार नही है ,

बात बस इतनी है की मै खुद को पहचानता हूँ,
 
की "मै हूँ कौन" ।। #LakhonMeEk
लाखों में एक जंगल की अर्थव्यवस्था जो भी हो ,

मैं कभी घास नहीं खाऊँगा  ।।

ये मेरा अंहकार नही है ,

बात बस इतनी है की मै खुद को पहचानता हूँ,
 
की "मै हूँ कौन" ।। #LakhonMeEk