अश्कों ने आंखों से मेरी आज दूरियां बनाली है रोना चाहता हूं मैं पर अश्कों का समंदर खाली है नहीं देखना चाहते कमज़ोर मुझे ये अश्क इन आँखों की ही करनी अब मेरी रखवाली है अंदरूनी अश्कों से न हो पाएंगे परे हम ऐसा कहतीं ये धड़कने मेरी मतवाली है अश्कों के बिना दो पल भी न रहा था मैं अभी अश्कों की तालाश में उदास मेरे खाने की थाली है अत्यंत गंभीर हालातों मे भी रोया न जब "भारत" तब महसूस हुआ कितनी मजबूत मेरे अश्कों की डाली है #Ghazal #AskhonKaAankhonSeRishta #Kalakaksh #Nojoto #Anthem #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar