चाँद का टुकड़ा एक चाँद का टुकड़ा तेरा है, एक चाँद का टुकड़ा मेरा है,जो तुझ संग मुझको जोड़ सके,वो चाँद का हिस्सा मेरा है.. ये घर भी यूँ तो तेरा है,इस घर में मैं रहती हूँ, जहाँ चाँद छुपा के रखा है,वो घर का कमरा मेरा है.. वो आधा असमान तेरा है,ये आधा असमान मेरा है, तुम तारों की गिनती करना,चाँद पे मेरा पहरा है.. उस पार का सागर तेरा है,इस पार का सागर मेरा है, पर चाँद जहाँ पर तैर रहा वो बूंद बूंद मेरा है.. है सबकुछ यूं तो आधा आधा,पर तुम पूरा दिन रख लो, वो चाँद जहाँ पर ठहर गया,वो रात का टुकड़ा मेरा है.... #ChandKaTukda