मेरे यार तू किस बात पर इतना मलूल है, परवाह वक़्त की करना बिल्कुल फ़िज़ूल है, गर पूछे कोई हिसाब तेरी बर्बादियों का, तो केह देना ज़िन्दगी जीने के अपने भी कुछ उसूल हैं.... #शायर_ए_बदनाम #मेरे_यार #मलूल #बर्बादी #फिजूल #परवाह #वक़्त #उसूल