मंदिर मस्ज़िद के नाम पे, जब भी घर कोई जलता है, मेरे अंदर एक शख़्स, तिल तिल कर मारता है, जब मज़हब के नाम पे, किसी घर का चराग (चिराग़) बुझता है, मेरे अंदर एक शख़्स, तिल तिल कर मारता है, मेरे अंदर एक शख़्स, तिल तिल कर मारता है @abhishekism #abhimantra #poem #poet #quote #poeticatma @poeticatma @nojoto