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कुछ गुनाहों की सजा लिए चलता हूं अब मैं अकेला नहीं

कुछ गुनाहों की सजा लिए चलता हूं 
अब मैं अकेला नहीं चलता 
मर्ज़ को भी साथ लिए चलता हूं 
मुझे कुछ भी नहीं होगा क्युकी ज़िंदा है मेरी मां
मैं जब भी घर से निकलता हूं उसकी दुआ हर वक़्त मेरे साथ होती है

-Poetshivubhadwal #maa ❤

#sunlight
कुछ गुनाहों की सजा लिए चलता हूं 
अब मैं अकेला नहीं चलता 
मर्ज़ को भी साथ लिए चलता हूं 
मुझे कुछ भी नहीं होगा क्युकी ज़िंदा है मेरी मां
मैं जब भी घर से निकलता हूं उसकी दुआ हर वक़्त मेरे साथ होती है

-Poetshivubhadwal #maa ❤

#sunlight