आंसुओ की कीमत बहाने वाले भी नहीं रहे समझ किसी के कष्ट का कथ्य किसी का हथियार समझ कहीं गहरे डूबा दे कहीं किनारों पर रहे उलझ पारखियों को भी नहीं है आंसुओं की परख बबली गुर्जर ©Babli Gurjar परख