ढलता सुरज ,ढल रहा है,, वक्त के,, साथ,,,, उगता सुरज उग रहा है,, वक्त के ,, साथ,,,, वक्त निकल रहा है,, वक्त के,, साथ,,,, इंसान बैर रख रहा है,, इंसान के साथ,,,, मगर वक्त , जा रहा है,,,, उब्र के साथ,,,, ©Ravindra Yewale र #JusticeForNikitaTomar