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कृष्ण लीला (भाग - 4) *****'*********'***** कारागृह

कृष्ण लीला (भाग - 4)
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कारागृह  में  आ  गया, तुरंत  सुनकर  बात। 
मात देवकी से छिना, उसने शिशु नव जात।। 14।।

माता  रोती  रह  गई ,कंस  न  सुने  पुकार। 
हाथ लगाते ही वहाँ, हुआ इक चमत्कार।।15।। 

आसमान   में  पहुंँची  कन्या, 
मेघा  ने   भी   घन   बरसाया, 
ये   देख   कंस  भी  घबराया, 
नवजात शिशु थी, योग माया।। 3।।

तब उस कन्या ने कहा, हर्षाएंगे संत 
कृष्ण जन्म ले चुके, होगा तेरा अंत।। 16।।

घबराया सुन कंस ये, लौटा अपने स्थान। 
नहीं रात में सो सका, ख़तरे  में  है जान।। 17।।

©Uma Vaishnav
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