प्रेम भक्ति एवं विश्वास ही सब के जीवन की जोड़ी होती है आश। प्रेम भक्ति एवं विश्वास ना हो जीवन में तो होते हैं हम सब निराश। प्रेम भक्ति एवं विश्वास तीनों है एक दूजे की शक्ति और पूरक। विश्वास की नींव से प्रेम बढ़ता है और प्रेम से भक्ति बढ़ती है। ईश्वर को भी अगर प्रेम भक्ति एवं विश्वास से बुलाओ चले आते हैं। ईश्वर प्रेम भक्ति एवं विश्वास के कारण ही तो हमारे साथ रहते हैं। जीवन जीने का आधार और सार ही प्रेम भक्ति एवं विश्वास है। बिना विश्वास के प्रेम नहीं मिलता बिना प्रेम के भक्ति नहीं होती है। 👉 ये हमारे द्वारा आयोजित प्रतियोगिता संख्या - 25. है, आप सब को दिए गए शीर्षक के साथ Collab करना है..! 👉 आप अपनी रचनाओं को आठ पंक्तियों (8) में लिखें..! 👉Collab करने के बाद Comment box में Done जरूर लिखें,और Comment box में अनुचित शब्दों का प्रयोग न करें..! 👉 प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम समय सीमा कल सुबह 11 बजे तक की है..!