आराम करो, आलस नहीं, तुम क्रियाशील बने रहना। उठो, जागो, आँखे खोलो, तुम गतिशील बने रहना।। समय चक्र के चक्रव्यूह से,तुमको तनिक नहीं डरना है, साथ तुम्हारे है पीताम्बर, तुम बस पार्थ बने रहना।। (स्वरचित) - मनोज कुमार झा"मनु" सुप्रभात। आराम और आलस में बड़ा अंतर होता है। आराम रचनात्मक है, आलस में भी आराम मिलता है मगर यह अरचनात्मक है। #आरामऔरआलस #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi