जाते जाते वो यहीं रह गए । माँ पापा थोड़े से मुझमें कहीं रह गए । कभी रसोई से आवाज़ की आहट तो कभी आंगन में नाराज़गी की गर्माहट वो ओढ़े वहिं रह गए । जाते जाते वो यहीं रह गए । नहीं मानता मैं की चले गए छोड़ कर मुझे तो क्या हुआ जो उनके कोई अरमान नहीं रह गए माँ पापा थोड़े से मुझमें कहीं रह गए । बेचैन करती है दिवारें, छतें मुझे जलाती है । बनकर वो शीतल मेरी ज़मीं रह गए जाते जाते वो यहीं रह गए माँ पाप थोड़े से मुझमें कहीं रह गए ।। जाते जाते वो यहीं रह गए । माँ पापा थोड़े से मुझमें कहीं रह गए । कभी रसोई से आवाज़ की आहट तो कभी आंगन में नाराज़गी की गर्माहट वो ओढ़े वहिं रह गए । जाते जाते वो यहीं रह गए । नहीं मानता मैं की चले गए छोड़ कर मुझे