अब किसी का ऐतबार क्या कीजे छल जाये जो प्यार क्या कीजे.. घुटकर के तबाह खुद हो रहे हैं अब किसी से तकरार क्या कीजे.. हाथ छूट जाते हैं रेत की तरह कोई रिश्ता-ए-इख्तियार क्या कीजे.. ना लौटने का तकाजा जो करके गया फिर उसका इंतजार क्या कीजे.. इक बार जो जख्म खा बैठे जी किसी पर जां निसार फिर क्या कीजे.. -KaushalAlmora #क्या_कीजे #महफ़िलेग़ज़ल #yqdidi #yqtales #yqbaba #yqquotes #yqdiary PC: pixer