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जो हस्ति मिटाने चली थी हमें , वो खुद ही मिटी जा रह

जो हस्ति मिटाने चली थी हमें ,
वो खुद ही मिटी जा रही है।
कभी नजर आती थी जिनको ,
हमारे अंदर कमियां।
उनको भी खूबियां नजर आ रही है।

                - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi #Light #Shayari #Shayar #Poetry #Poet #poem
जो हस्ति मिटाने चली थी हमें ,
वो खुद ही मिटी जा रही है।
कभी नजर आती थी जिनको ,
हमारे अंदर कमियां।
उनको भी खूबियां नजर आ रही है।

                - आचमन चित्रांशी

©Achman Chitranshi #Light #Shayari #Shayar #Poetry #Poet #poem