तुम जब भी आते हो न बदन को आराम दे जाते हो।मुझे कार्यों से विराम देकर मन की चिंता को हर कर ले जाते हो।तुम वक़्त बेवक़्त मत आया करो बस कुछ तो फ़र्ज निभाया करो बस।जब मैं फालतू की चकल्लस करूँ तो आओ तो चलता है।जब मुझे बे मन से कुछ करना हो तो स्वागत है। बस तुम मेरे कर्तव्य और उत्तरदायित्व के समय न आया करो।क्रोध ईर्ष्या घृणा और स्वार्थ सिद्धि के वक्त आओ बहुत बहुत स्वागत है। #yolewrimo में आज एक पत्र लिखें, आलस के नाम। #आलस #letters #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi