जितनी शिदत से मैंने उनसे मोहबत की थी पता न था उतनी ही शिदत से वो बस इश्क़ का दम भरते रहे भ्रम ही सही पर मेरा था वो, भ्रम ही सही पर मेरा था वो इस भ्रम को भी वो झूठा करते गए और मेरे जनाज़े को देखने सभी आये पर रूह कुछ देर रुकी थी इस इंतज़ार में की वो अब आये तो अब आये सीना आसमान का भी फ़ट गया, मुझे जलता देख और उस दिन वो बरसात में झूम के नहाये और सुना है कि किसी और के इश्क़ की, मेहँदी सजाई है उन्होंने, ये सुन मेरी रूह पोह्ची थी वहा उन्हें बदुआए देने, पर जब नज़र उनपड़ पड़ी, तो हम फिर से उनकी मोहबत में खुद को लुटा आये #alonesoul #Poetry #iamdwriter #kavishala #Shayar #MeriKavita #Hindi #FROMHeArT #from #Love