किनारे पर चलते..... यूं सोचते हैं आज। कौन..... ज्यादा मजबूर है.......??? वोह किनारा... जो चल नही सकता । या वोह लहर... जो ठहर नहीं सकती ।। 🌺🍁🌺🍁🌺 ©SEEMA SINGH Kinara