दूर दिल से दर्द का कब क़ाफिला ले जायेगा जाने वाला यादों का कब सिलसिला ले जायेगा पास रह कर तो रहें इक दूसरे से दूर हम देखते हैं अब कहाँ ये फ़ासिला ले जायेगा भूख ने बच्चे की, माँ को ले गई कोठे तलक अब कहाँ तक पेट का ये मसअला ले जायेगा काँपती है यूँ ज़मीं बदकारीयों की बोझ से लग रहा जैसे जहाँ को ज़लज़ला ले जायेगा रात -दिन पैसे के पीछे भागना तू छोड़ दे दूर तूझको खुद से ही ये मश्ग़ला ले जायेगा बेहिसी से शहर की दिल जो तिरा घबरा गया चल जहाँ फिर पंछियों का ग़लगला ले जायेगा किस तरह 'राहत' करूँ मैं दोस्ती पर अब यक़ीं फिर यक़ीं कोई दिलाकर हौसला ले जायेगा... ---------------------------------------------- 1. मसअला =समस्या/मुद्दा/सवाल/मामला 2. बदकारी = बुरे कर्म/पाप/नीचता/अधर्म 3. मश्ग़ला = व्यस्तता/धुन/काम की होड़ 4. बेहिसी = बेकली /नीरसता/संवेदनहीनता/ 5. ग़लगला = गुंजन/कलरव/शोर/आवाज़ ©Kalim Rahat #DardeIahq#MasalaMamla#GeetGhazal#KRQuotes #walkingalone Dr Imran Hassan Barbhuiya Advocate Suraj Pal Singh Ismail Wasif