उसके आखों में लगे काजल की सब गलती है ना चाहते हुए भी उसपे नज़र पड़ती है मैं दूर जाने को तैयार हूँ मगर फिर उसकी पायल बज पड़ती है मैं मुडकर कैसे ना देखू उसे जब वो शरमाकर हँस पड़ती है दिल तो तब फिदा हुआ उसपे जब वो छोटी छोटी बातों पे मुझसे लड़ पड़ती है Jaan-e-Ghazal uske kajal ki sab galati hai