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उठो द्रोपती वस्त्र सम्भालो अब गोविंद न आएंगे छोड़ो

उठो द्रोपती वस्त्र सम्भालो
अब गोविंद न आएंगे

छोड़ो मेहदी  शस्त्र सम्भाल 
खुद ही  अपना चीर बचालो

धुत बिछाए बैठे है शकुनि
मस्तक सब बिक जायेगे

उठो द्रोपति वस्त्र सम्भालो
अब गोविंद न आएंगे,,..

.......
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. नारी शक्ति
उठो द्रोपती वस्त्र सम्भालो
अब गोविंद न आएंगे

छोड़ो मेहदी  शस्त्र सम्भाल 
खुद ही  अपना चीर बचालो

धुत बिछाए बैठे है शकुनि
मस्तक सब बिक जायेगे

उठो द्रोपति वस्त्र सम्भालो
अब गोविंद न आएंगे,,..

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. नारी शक्ति

नारी शक्ति #कविता