झील के जल सी ठहरी मेरी जिंदगी बुलबुले चाहतों के बिखरने लगे ! जो सड़क मंजिलों की तरफ़ जा रही रास्ते सारे अबतो उखड़ने लगे ! जब से छूटी है मुझसे तेरी उंगलियां मील के मुझको पत्थर भी धुंधले लगे ! ये "वीरानगी" मुझको चलने न दे क़दम मेरे मुझसे ही लड़ने लगे ! Challenge-124 #collabwithकोराकाग़ज़ 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए :) #वीरानगी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️☕😊