रिश्ता कुछ ऐसा भी पहाड़ों की वादियों में शहर सारा घूम लिया, उसकी एक नज़र ने दिल को छू लिया, एकांत सी नदी बहती है, शांत सी वो भी कुछ रहती है। लहरों में उफान है, बचपना उसका आग तो गुस्सा उसका तूफान है, झील सा छोटा दिल उसका तो समुन्द्र सा दिल मेरा है, चाहे लाख गुस्सा क्यूं ना हो जाऊं मै, रहना उसने मेरे पास है क्यूंकि बाप हूं मैं उसका बेटा वो मेरा है। जाने कैसे मनाएगा अब #रिश्ता #यारी